जिस सिलगेर में वर्षों आंदोलन चला अब वो गांव कितना बदल गया देखिये

सिलगेर, जिला सुकमा के कोंटा विकासखंड में स्थित एक ऐसा गांव है, जो कभी माओवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता था। यहां एक समय पुलिस कैंप के विरोध में बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसमें ग्रामीणों की जान भी गई थी। यह कैंप इलाके में सड़क निर्माण के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। अब कहा जाता है कि सिलगेर बदल चुका है – जहां कभी डर और संघर्ष का माहौल था, वहां अब बदलाव की बयार बह रही है। हालांकि, गांव के सभी मोहल्लों तक अभी भी पीने का पानी नहीं पहुंच पाया है, जो एक बड़ी समस्या बनी हुई है।

Silger is a village located in the Konta development block of Sukma district, once known for Maoist activities. It witnessed a major protest against the setting up of a police camp, which sadly resulted in the deaths of some villagers. The camp was established to facilitate road construction in the region. Today, it is said that Silger has changed — where once fear and conflict prevailed, now signs of transformation are visible. However, a major issue still persists as not all parts of the village have access to drinking water.

40 thoughts on “जिस सिलगेर में वर्षों आंदोलन चला अब वो गांव कितना बदल गया देखिये”

  1. भैया जी आपके न्यूज का ही इंतजार कर रहा था क्योंकि आपके बोलने का अंदाज और पूरा विस्तार से बताते हैं

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  2. तिवारी दादा, क्या बस्तर बहुत जल्द शांत हो जाएगा?

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  3. तिवारी जी नमस्कार ग्राउंड रिपोर्ट करने के लिए दिल से धन्यवाद

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  4. बहुत अच्छा तिवारी जी, ऐसी बात होनी चाहिए।

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  5. तिवारी जी, युद्ध का मतलब क्या इसराइल-हमास और रूस-यूक्रेन से है?

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  6. इन्तिज़ार था दादा ग्राउंड रिपोर्टिंग का जय जोहार

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  7. सबके नेता होते हैं हमे हमारे नेताओं ने लुटा आम माओवादियों को उनके नेताओं ने लुटा गरीब दोनों जगह मरा

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  8. आने वाले भी करने वाले भी आदिवासी… यह कैसा अस्तर

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  9. इंतजार था दादा आपने हमारी मुराद पूरी की बहुत बहुत साधुवाद

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  10. Desh me no.1 ground reporting krne wale hmare ranu bhaiya , ek baar badranna ki bhi raay li jaay.ky kahna h unka amit shah ki statement k baad

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  11. बस्तर से ज्यादा झारखंड में माओवादी हैं, वहां तो कोई ऑपरेशन नहीं चल रहा, बस्तर में ही कौन सा विकास करना चाहती है सरकार?

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  12. तिवारी जी, युद्ध का मतलब क्या इसराइल-हमास और रूस-यूक्रेन से है?

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  13. सबके नेता होते हैं हमे हमारे नेताओं ने लुटा आम माओवादियों को उनके नेताओं ने लुटा गरीब दोनों जगह मरा

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