जहां 17 माओवादी मारे गए उस क्षेत्र के ग्रामीणों को सुनिये

सुकमा में हाल ही में हुए मुठभेड़ के बाद, हमने उस गांव की ग्राउंड रिपोर्ट की जहाँ सीआरपीएफ कैंप, डीआरजी बल और ग्रामीणों के हालात को करीब से देखा। इस रिपोर्ट में एक स्थानीय ग्रामीण ने क्षेत्र में सुरक्षा बलों की स्थिति, माओवादियों की उपस्थिति, गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी और सरकार से उनकी उम्मीदों पर खुलकर अपनी राय रखी।

यह वीडियो आपको सुकमा के जमीनी हालात को बेहतर समझने में मदद करेगा। क्या यह इलाका शांति की ओर बढ़ रहा है या अभी भी संघर्ष जारी है? देखिए पूरी रिपोर्ट और अपनी राय कमेंट में साझा करें।

After the recent encounter in sukma, we conducted a ground report in a village where we closely observed the conditions of CRPF camps, DRG forces, and the local villagers. In this report, a resident openly shared his views on the presence of security forces, Maoist activities, lack of basic facilities, and their expectations from the government.

This video will help you understand the real situation on the ground in sukma. Is this region moving towards peace, or does the conflict still persist? Watch the full report and share your thoughts in the comments.

40 thoughts on “जहां 17 माओवादी मारे गए उस क्षेत्र के ग्रामीणों को सुनिये”

  1. बड़े दुःख कि बात है कि छत्तीसगढ़ के युवा आज भी पढ़ लिख कर अनपढ़ है और अशिक्षित है

    Reply
  2. सरकार को पहले भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी पर ध्यान देना चाहिए।

    Reply
  3. बस्तर टाकिज के किसी भी विडियो को आप,,,,,स्किप कर करके नहीं देख सकते,,,, शानदार रिपोर्टिंग

    Reply
  4. सैल्यूट है आपके रिपोर्टिंग को जान जोखिम में डाल कर ग्राउंग रिपोर्टिंग करना हर किसी की बस की बात नहीं आपके जैसा जिगर सलाम है आपको

    Reply
  5. बहुत से सरकारी स्कूल,अस्पताल एवं अन्य आफिसो में स्थानीय भर्ती की अति आवश्यकता है

    Reply
  6. बस्तर से ज्यादा झारखंड में माओवादी हैं, वहां तो कोई ऑपरेशन नहीं चल रहा, बस्तर में ही कौन सा विकास करना चाहती है सरकार?

    Reply
  7. आपका प्रयास सराहनीय हैं।ग्राउंड रिपोर्ट आजकल वातानुकूलित स्टूडियो की व्यर्थ बहसों के शोर मैं गुल हो गई

    Reply
  8. सर आप बहुत अच्छा रिपोर्टिंग करते है, आप एक बार झारखण्ड आइए और सारंडा जंगल का भी रिपोर्टिंग कीजिए

    Reply
  9. बस्तर के आम जनता को ही बस्तर के सभी नौकरियों में कम से कम 80% का हक होना चाहिए।

    Reply
  10. सबके नेता होते हैं हमे हमारे नेताओं ने लुटा आम माओवादियों को उनके नेताओं ने लुटा गरीब दोनों जगह मरा

    Reply
  11. नहीं सेलरी कम नहीं 10या 15 से जद नहीं होना चाहिए वर्ना सरकारी जॉब वालों का गामड़ बढ़ जाएगा

    Reply
  12. मैं तो इन्हीं के वज़ह बस्तर के बारे में जानने लगा वैसे तो मैं up गाजीपुर से हू भैया का दिन शुभ हो

    Reply
  13. तिवारी जी नमस्कार ग्राउंड रिपोर्ट करने के लिए दिल से धन्यवाद

    Reply
  14. बहुत से सरकारी स्कूल,अस्पताल एवं अन्य आफिसो में स्थानीय भर्ती की अति आवश्यकता है

    Reply
  15. बस्तर बोले तो स्वाहा 😂 बिल्कुल हसदेव की तरह 😢

    Reply

Leave a Comment

Subscribe कीजिए

क्या आप ‘Bastar Talkies’ चैनल से संबंधित लाइव अपडेट्स पाना चाहते हैं?