अमित शाह की विनती के बाद माओवादियों ने कहा शांतिवार्ता को तैयार हैं

पिछले चार दशकों से माओवादी और सरकार के बीच जारी संघर्ष में हज़ारों लोगों ने अपनी जान गंवाई है – जिनमें सुरक्षा बलों के जवान, ग्रामीण और माओवादी शामिल हैं। लेकिन अब उम्मीद की एक किरण नज़र आ रही है। माओवादियों की ओर से एक और पत्र आया है जिसमें उन्होंने शांति वार्ता के लिए अपनी सहमति जताई है। क्या यह वर्षों से चले आ रहे संघर्ष का अंत हो सकता है? क्या अब बस्तर की धरती पर शांति लौटेगी?
For the past four decades, a bloody conflict has raged between the Maoists and the Indian government, claiming countless lives – from security forces and villagers to Maoist insurgents themselves. But now, a ray of hope emerges. The Maoists have sent another letter expressing their willingness to engage in peace talks. Could this mark the beginning of the end of this long-standing conflict? Is peace finally returning to Bastar?

40 thoughts on “अमित शाह की विनती के बाद माओवादियों ने कहा शांतिवार्ता को तैयार हैं”

  1. इंतजार था दादा आपने हमारी मुराद पूरी की बहुत बहुत साधुवाद

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  2. नहीं सेलरी कम नहीं 10या 15 से जद नहीं होना चाहिए वर्ना सरकारी जॉब वालों का गामड़ बढ़ जाएगा

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  3. तिवारी सर बहुत अच्छा लगता आपका ग्राउंड रिपोर्ट आपको मेरा धन्यवाद

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  4. सर आप बहुत अच्छा रिपोर्टिंग करते है, आप एक बार झारखण्ड आइए और सारंडा जंगल का भी रिपोर्टिंग कीजिए

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  5. आपकी पत्रकारिता बहुत ही विस्तार से रहता है सर आपको सलाम तहेदिल से जय हिन्द सर

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  6. Desh me no.1 ground reporting krne wale hmare ranu bhaiya , ek baar badranna ki bhi raay li jaay.ky kahna h unka amit shah ki statement k baad

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  7. सर आप बहुत अच्छा रिपोर्टिंग करते है, आप एक बार झारखण्ड आइए और सारंडा जंगल का भी रिपोर्टिंग कीजिए

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  8. बस्तर बोले तो स्वाहा 😂 बिल्कुल हसदेव की तरह 😢

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  9. इंतजार था दादा आपने हमारी मुराद पूरी की बहुत बहुत साधुवाद

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  10. आने वाले भी करने वाले भी आदिवासी… यह कैसा अस्तर

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  11. इंतजार था दादा आपने हमारी मुराद पूरी की बहुत बहुत साधुवाद

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  12. अगर माओवादी जल, जंगल, जमीन से जुड़े रहना चाहते हैं तो उन्हें वहीं रहने दें।

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  13. नहीं सेलरी कम नहीं 10या 15 से जद नहीं होना चाहिए वर्ना सरकारी जॉब वालों का गामड़ बढ़ जाएगा

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  14. आने वाले भी करने वाले भी आदिवासी… यह कैसा अस्तर

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