केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सुनने पहुंचे ग्रामीणों ने क्या कहा सुनिये

आज दंतेवाड़ा में बस्तर पनदुम की सफलता की समाप्ति पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आगमन दो प्रमुख कारणों से महत्वपूर्ण रहा। पहले, यह आयोजन बस्तर पनदुम के सफल समापन का उत्सव है, जो क्षेत्र की विकास यात्रा का प्रतीक है। दूसरे, 31 मार्च 2026 तक माओवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने हेतु एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी, जो देश में कानून व्यवस्था और जनसुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

Today in Dantewara, Union Home Minister Amit Shah visited to mark the successful completion of Bastar Pandum, a milestone event that symbolizes the region’s developmental progress. His visit holds two key purposes: firstly, to celebrate the achievement of Bastar Pandum, and secondly, to pave the way for a major meeting aimed at eradicating Maoism by March 31, 2026, reflecting the government’s unwavering commitment to law and order as well as public safety.

40 thoughts on “केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सुनने पहुंचे ग्रामीणों ने क्या कहा सुनिये”

  1. आने वाले भी करने वाले भी आदिवासी… यह कैसा अस्तर

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  2. शांति वार्ता एक सराहनीय और स्वागत योग्य कदम है।

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  3. पहली बार ऐसा हुआ है की जवानों और माओवादी के बीच के मुठभेड़ में कोई आम आदमी नहीं है

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  4. सर आप बहुत अच्छा रिपोर्टिंग करते है, आप एक बार झारखण्ड आइए और सारंडा जंगल का भी रिपोर्टिंग कीजिए

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  5. नमस्कार, हम आपके दर्शक है, और हम बस्तर टॉकीज देख रहे है!

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  6. तिवारी जी नमस्कार ग्राउंड रिपोर्ट करने के लिए दिल से धन्यवाद

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  7. आजकल आप बहुत देर से न्यूज़ दे रहे हैं भैया।

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  8. गांव के लोग ऐसे ही सीधे और सरल होते हैं उनकी सरलता को ज्ञान के अभाव के रूप में नहीं देख सकते हैं

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  9. बस्तर से ज्यादा झारखंड में माओवादी हैं, वहां तो कोई ऑपरेशन नहीं चल रहा, बस्तर में ही कौन सा विकास करना चाहती है सरकार?

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  10. तिवारी दादा, क्या बस्तर बहुत जल्द शांत हो जाएगा?

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  11. पहली बार ऐसा हुआ है की जवानों और माओवादी के बीच के मुठभेड़ में कोई आम आदमी नहीं है

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  12. नमस्कार, हम आपके दर्शक है, और हम बस्तर टॉकीज देख रहे है!

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  13. गांव के लोग ऐसे ही सीधे और सरल होते हैं उनकी सरलता को ज्ञान के अभाव के रूप में नहीं देख सकते हैं

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  14. आने वाले भी करने वाले भी आदिवासी… यह कैसा अस्तर

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